ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो न करें Sex, महिला और पुरुष जरूर बरतें ये विशेष सावधानियां

ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो न करें Sex, महिला और पुरुष जरूर बरतें ये विशेष सावधानियां
यह सच है कि की समस्या से पावर पर असर पड़ता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जब शरीर में खून की नलियां फैट आदि के जमा होने से संकरी और कड़ी हो जाती हैं तो खून का दौरा कम होता है। यह स्थिति तक खून पहुंचाने वाली नलियों के साथ भी होती है। वहां कम मात्रा में खून पहुंचता है और इससे प्राइवेट पार्ट में कड़ापन कम आता है। साथ ही, थकावट, सिरदर्द आदि होने से शरीर साथ नहीं देता और कामेच्छा भी कम होती है। आगे पढ़ें- प्राइवेट पार्ट में आ जाता है कड़ापन... खून में दबाव कम हो जाता हैवहीं, जब हम बीपी कम करने की दवा खाते हैं तो प्रवाह ठीक होता है, लेकिन कई बार खून में दबाव कम हो जाता है। यही वजह है कि कुछ दवा की वजह से प्राइवेट पार्ट के कड़ेपन में कमी आ सकती है। जब खून में प्रेशर कम हो तो अपने डॉक्टर से बातकर दवा बदलवा सकते हैं। फौरन ही बीपी की जांच करनी चाहिएएक और बात का ध्यान जरूर रखें, अगर किसी को यह एहसास हो कि उसका बीपी बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है तो उसे फौरन ही बीपी की जांच करनी चाहिए। अगर रीडिंग 140/90 से ऊपर आए तो सेक्स को टाल देना चाहिए। जब बीपी नॉर्मल हो जाए तब सेक्स ठीक रहेगा। क्योंकि सेक्स के दौरान बीपी बढ़ जाता हैइस बात का ध्यान महिलाओं को भी रखना चाहिए कि बीपी बढ़ा हुआ हो तो सेक्स न करें। नॉर्मल होने पर ही करें क्योंकि सेक्स के दौरान बीपी बढ़ जाता है। वैसे, आज तक शायद ही ऐसा कोई मामला हुआ हो जब कोई शख्स सेक्स करते हुए मरा हो। फिर भी सचेत तो रहना ही चाहिए। दिल से है का रिलेशनहाइपरटेंशन का सीधा संबंध दिल से है। दरअसल, शरीर के सभी अंगों या कोशिकाओं तक साफ खून पहुंचाने और फिर साफ खून का उपयोग अंगों या कोशिकाओं द्वारा करने के बाद खराब खून वापस किडनी और लंग्स में भेजने का काम दिल का ही होता है। दिल 1 मिनट में यह काम अमूमन 70 से 75 बार करता है। यहीं से होती है हाइपरटेंशन की शुरुआत जब सबकुछ सही रहता है तो हमारी खून की नलियों में 120/80 होता है। लेकिन खून की नलियों में फैट जमा होने, किडनी की समस्या होने, तंबाकू आदि के सेवन की वजह से नलियों का रास्ता संकरा हो जाता है या नलियों का लचीलापन कम हो जाता है। इस वजह से दिल को विभिन्न अंगों या कोशिकाओं तक खून पहुंचाने और वापस लाने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। यहीं से हाई बीपी या हाइपरटेंशन की शुरुआत होती है। नोट: यह जानकारी सीनियर सेक्सॉलजिस्ट से बातचीत पर आधारित है। सेक्स समस्या से जुड़ा आपका भी कोई सवाल है? तो हमें हिन्दी या अंग्रेजी में सवाल भेजें drprakashkothari1@gmail.com पर।

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