धूम्रपान से पुरुष और महिला की प्रजनन क्षमता पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है क्या?
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डॉ. अशोक गुप्ता, सेक्सोलोजिस्ट , चांदनी चौक, नई दिल्ली। सवाल : मैं एक 26 वर्षीय युवक हूं। दो वर्ष पहले मेरा विवाह हो चुका है। मुझे स्मोकिंग की आदत है। मैं दिन में 4-5 सिगरेट पी लेता हूं। अब मैं और मेरी पत्नी अपनी फैमिली को बढ़ाने की सोच रहे हैं। इससे पहले मैं यह जानना चाहता हूं कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। लेकिन क्या धूम्रपान करने से पुरुष और महिला की प्रजनन क्षमता पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है क्या? क्योंकि अब मेरी पत्नी मुझे स्मोकिंग छोड़ने को कह रही है। कृपया बताएं। जवाब : जी हां, धूम्रपान करने से स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है, यह आपकी सेक्सुअल लाइफ को भी प्रभावित करता है।स्त्री और पुरुष दोनों में ही इसके दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। अनेक रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि माता-पिता के धूम्रपान करने की आदत से उनकी संतानें अपेक्षाकृत कम वजन की होती है। धूम्रपान करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है असर अत्यधिक धूम्रपान करने के आदि यानी चेन स्मोकर पुरुषों के शुक्राणुओं की संरचना में व्यापक परिवर्तन आ जाते हैं। स्मोकिंग की आदत शुक्राणुओं के लिए एक विष के समान है। इसके प्रभाव से शुक्राणुओं की डिम्ब के साथ मिलन की क्षमता तक समाप्त हो सकती है। धूम्रपान के दुष्परिणाम से उत्पन्न निकोटिन प्रजनन क्षमता पर दुष्प्रभाव डालता है। धूम्रपान के दुष्प्रभाव से पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन की क्षमता बाधित होती है, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, नपुंसकता की समस्या और यौन प्रदर्शन और कामेच्छा में कमी हो सकती है। धूम्रपान करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है असर धूम्रपान महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। धूम्रपान का असर एक्टोपिक गर्भावस्था पर भी हो सकता है, जिसके कारण फैलोपियन ट्यूबों में समस्या आ सकती है। धूम्रपान करने से गर्भवती महिला के ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट उत्पन्न होती है, जो गर्भस्थ भ्रूण के लिए खतरनाक साबित होता है। धूम्रपान का विषाक्त प्रभाव गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होता है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में समय पूर्व प्रसव पीड़ा हो सकती है और वे स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित बच्चों को जन्म दे सकती हैं। स्मोकिंग करने वाली महिलाओं के शिशुओं की मृत्यु दर भी अधिक होती है। शिशुओं में विकलांगता का भी असर देखा गया है। धूम्रपान करने से एक्टोपिक गर्भावस्था पर पड़ता है असर एक्टोपिक गर्भावस्था में, अंडे गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाते हैं, जिसके कारण वे फैलोपियन ट्यूब के अंदर प्रत्यारोपण हो जाते हैं। फलस्वरूप गर्भाशय में परिवर्तन हो सकता है, जो गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा बढ़ा देता है। सिगरेट में मौजूद रसायन अंडाशय के भीतर एंटीऑक्सीडेंट लेवल में असंतुलन पैदा कर सकते हैं। यह असंतुलन निषेचन को प्रभावित कर सकता है, जिसके बाद इम्प्लांटेशन में कमी आ जाती है। धूम्रपान हार्ट, किडनी, फेफड़ों को तो नुकसान पहुंचाता ही है, साथ ही पुरुषों के शुक्राणुओं को भी नुकसान पहुंचाता है। स्मोकिंग करने की आदत पुरुषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।
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