रूटीन चेकअप के दौरान डॉक्टर को कॉपर टी दिखाई नहीं दी, अब क्या होगा?

रूटीन चेकअप के दौरान डॉक्टर को कॉपर टी दिखाई नहीं दी, अब क्या होगा?
डॉ. चारु पंत स्त्री रोग विशेषज्ञ, निदान क्लीनिक, लक्ष्मी नगर,नई दिल्ली। सवाल : मैं एक 26 वर्षीय विवाहित महिला हूं। पहले बच्चे के जन्म के बाद तीन साल पहले मैंने कॉपर टी लगवाई थी। पिछले सप्ताह जब मैं अपने रूटीन चेकअप के लिए डॉक्टर के पास गई, तो डॉक्टर को कॉपर टी दिखाई नहीं दी। क्या यह मेरे लिए कोई खतरे की बात है या इससे मुझे कोई हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है, कृपया बताएं। जवाब : सबसे पहली बात तो मेरे लिए यह जानना जरूरी है कि क्या आपके पीरियड समय पर आ रहे हैं? अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो पहले अपना अल्ट्रासाउंड करवाएं और अपनी गायनोकोलॉजिस्ट से जाकर चेकअप करवाएं। दूसरी बात यह है कि कॉपर टी लगवाने के बाद कुछ महिलाओं में इस तरह की समस्या देखने को मिलती है। चूंकि कॉपर टी को लगाने की प्रक्रिया बहुत संवेदनशील होती है, इसलिए इसे किसी अच्छे और विश्वसनीय डॉक्टर से ही लगवाना चाहिए। गर्भनिरोध का एक बढ़िया साधन है कॉपर टी कॉपर टी गर्भनिरोध का एक बढ़िया साधन है, जो बर्थ कंट्रोल के लिए काफी प्रभावी होता है। आमतौर पर इसका उपयोग अनचाहे गर्भ से बचने और दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए किया जाता है। कॉपर टी लगाने से 5 से 10 वर्षों तक गर्भवती न होने और टेंशन फ्री रहने में मदद मिलती है। कॉपर टी एक छोटा सा अंतर्गर्भाशयी उपकरण है, जो प्लास्टिक और तांबे से निर्मित होता है और इसे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। इसका टी आकार गर्भाशय में आसानी से फिट हो जाता है। कॉपर टी स्त्रियों के गर्भाशय में बनने वाले अंडे को पुरुष के शुक्राणु से निषेचित होने नहीं देती है। टी के आकार का बना यह उपकरण कॉपर से चारों ओर लिपटा होता है। यह कॉपर गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय के अन्य तरल पदार्थों के साथ मिलकर उसमें कॉपर की मात्रा को बढ़ा देता है। कॉपर की बढ़ी हुई मात्रा के कारण यह द्रव शुक्राणु नाशक के रूप में काम करती है। जिसके कारण गर्भाशय में पहुंचने वाले शुक्राणु इसके संपर्क में आने के बाद नष्ट हो जाते हैं और महिलाओं के ओवुलेशन में बनने वाला अंडा निषेचित नहीं हो पाता है, परिणामस्वरूप महिला गर्भवती नहीं हो पाती है। कॉपर टी लगवाने के बाद होनेवाले साइड इफेक्ट्सकॉपर टी लगवाने के अपने फायदे हैं, लेकिन कभी-कभी इसको लगाने के बाद महिलाओं में कई प्रकार की समस्याएं भी देखी गई हैं:-
  • कॉपर टी लगाने के शुरुआती दौर में कुछ महिलाओं में पीरियड के दौरान पेट के निचले हिस्से में ऐंठन होने की समस्या देखी गई है। यह ऐंठन पीरियड में होनेवाली सामान्य ऐंठन से अलग होती है, साथ ही बार-बार ब्लीडिंग की समस्या से भी जूझना पड़ता है।
  • इसके अलावा कॉपर टी लगवाने के दौरान कई बार महिलाओं के गर्भाशय में खरोंच या गंभीर चोट लग जाती है, जिसके कारण गर्भाशय की परत kdhtigrast क्षतिग्रस्त हो जाती है और उसमें से ब्लीडिंग होने लगती है। ऐसी स्थिति में कॉपर टी को निकालना जरूरी हो जाता है अन्यथा यह गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
  • कई बार महिलाओं की कॉपर टी खुद-ब-खुद बाहर निकल जाती है। ऐसा कॉपर टी लगाने के शुरुआती महीनों में, बच्चे के जन्म के तुरंत बाद लगाने पर या फिर बिना गर्भधारण के लगाए जाने पर होता है।
जब प्रेग्नेंट होना चाहे कॉपर टी हटा सकती हैं जब भी कोई महिला गर्भवती होने की इच्छा रखती हो, तो किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा इस उपकरण को साधारण प्रक्रिया द्वारा निकलवा सकती है। डिवाइस निकाले जाने के बाद महिला की फर्टिलिटी तुरंत वापस आ जाती है। और वह अपनी प्रेग्नेंट होने की तैयारी कर सकती है।

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