बर्थ कंट्रोल के लिए तमाम तरीके अपनाने के क्या नुकसान हैं?
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सवाल: मैं 26 साल की महिला हूं। कई जन्म नियंत्रण विधियों () के दुष्प्रभाव क्या हैं? जवाब: सभी बर्थ कंट्रोल मेथड्स के कुछ न कुछ दुष्प्रभाव अवश्य होते हैं। वह तरीका चुनें जो आपको सबसे अच्छा लगे। गोलियां और अन्य दवाएं उपयोग के लिए निर्देश, उनके दुष्प्रभाव आदि के साथ आती हैं, इसलिए कृपया उन्हें ध्यान से पढ़ें। कंडोम को तब तक सुरक्षित माना जा सकता है जब तक कि उसमें कोई आकस्मिक कटना-फटना न हो। कामेच्छा में कमी रिसर्च बताते हैं कि बर्थ कंट्रोल यानी गर्भनिरोधक गोली लेने से शरीर के अंदर ऑव्यूलेशन बंद हो जाता है। जब ऑव्यूलेशन ही नहीं होगा तो एग्स का भी उत्पादन नहीं होगा और जब एग्स ही नहीं बनेंगे, तो स्पर्म से मिलकर फर्टिलाइज होने का खतरा भी नहीं रहता है। तो कुल मिलाकर प्रेग्नेंसी का रिस्क भी नहीं रहेगा। ओवल्यूशन की प्रक्रिया रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में एक केमिकल का निर्माण करती हैं, जो टेस्टोस्टेरॉन का दमन करता है और जिसका असर गोलियों का सेवन बंद करने के बाद भी एक साल तक रहता है, जिसके कारण महिलाओं की कामेच्छा में कमी आ जाती है। लेकिन एक साल बाद महिलाओं का यौन स्वास्थ्य सामान्य हो जाता है। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि डॉक्टर्स को ये गोलियां देने से पहले कपल्स को इनके संभावित साइड इ़फेक्ट्स के बारे में जरूर अवगत करवाना चाहिए। साइड इफेक्ट्स गर्भनिरोधक गोली प्रेग्नेंसी को रोकने का हार्मोन बेस्ड तरीका है। गर्भनिरोधक गोलियों पर हुए शोधों के अनुसार, लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन का सीधा असर महिलाओं की सेक्स इच्छा पर पड़ता है और इसका सेवन बंद करने के बाद भी एक साल तक उनकी कामेच्छा में कमी की समस्या देखी गई है। इसके अलावा सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म की प्राप्ति न होना और सेक्स के दौरान कष्ट होने की समस्या जैसे साइड इ़फेक्ट्स भी हो सकते हैं।
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