'वह मेरा ज‍िस्मानी फायदा उठाता रहा, फ‍िर मुझे गलत र‍िश्ते में होने का हुआ एहसास'

'वह मेरा ज‍िस्मानी फायदा उठाता रहा, फ‍िर मुझे गलत र‍िश्ते में होने का हुआ एहसास'
हर इंसान कभी-न-कभी र‍िश्तों में होता ही है और हर रिश्ते की एक बात खास होती है क‍ि इसके शुरुआत में सब कुछ एक सपने के सच होने जैसा लगता है। इसमें रोमांस का नशा होता है और सब कुछ गुलाबी-गुलाबी दिखाई देता है। सब कुछ इतना सुंदर होता है क‍ि आप उसमें उड़ान-सी भरने लगते हैं। मैंने अपने रिश्ते के शुरुआती वक्त में भी ऐसा ही कुछ महसूस किया, लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह सब इतने बदसूरत मोड़ पर खत्म होगा। प्यार का इजहार और र‍िश्ते की शुरुआतमैं कॉमन फ्रेंड्स के जरिए एक शख्स से मिली और यह पहली नजर का प्यार था। कुछ हफ़्तों तक बात करने के बाद उसने मेरे लिए अपने अटूट प्यार का इजहार किया और मैंने भी हां कर दी। हमारे रिश्ते के पहले तीन महीने किसी रोमांटिक फिल्म से कम नहीं थे। लेकिन जल्द ही मुझे उसका एक दूसरा ही चेहरा देखने को मिला। उसके शारीरिक हाव-भावों में बदलाव आने लगा। वह अचानक मेरी कमर कसकर पकड़ लेता था और मुझे एक शातिराना मुस्कान देता था। वह पब्ल‍िक प्लेसेस पर मुझे चूमता, यहां तक कि गलत तरीके से छूता। ये बातें मुझे चौंकाती थीं, क्योंकि इन हाव-भावों में रोमांस नजर नहीं आता था। उसकी मांगों को लेकर झेली असहजताअब उसे पता लग चुका था कि मैं उसकी इन हर‍कतों की वजह से असहज हूं और उसके इशारों पर कोई र‍िस्पॉन्स नहीं कर रही हूं। लेक‍िन इसके बाद भी जब भी हम मिले, उसने अपना 'ज‍िस्मानी प्यार' दिखाना जारी रखा। जल्द ही उसन मुझे कुछ प्राइवेट तस्वीरें भेजने के लिए कहना शुरू कर दिया और मैं उसे हर बार इसके ल‍िए इनकार कर देती। एक दिन मैंने उससे दो टूक कह द‍िया क‍ि मुझे गलत तरीके से छूना बंद करो। मेरा कहना था कि हम केवल चार महीने पहले मिले हैं और मैं उसकी मांगों को लेकर सहज नहीं हूं। इमोशनल ब्लैकमेल की हुई श‍िकारजल्द ही इसे लेकर हमारे बीच तीखी बहस और लड़ाइयां होने लगी। जब भी मैं उसे प्राइवेट तस्वीरें भेजने या रात में उसके साथ बाहर जाने से मना करती थी, तो वह मुझे दकियानूसी बच्ची या जरूरत से ज्यादा एह‍त‍ियात बरतने वाली मह‍िला कहता। एक बार मैंने उसे क‍िस करने मना किया, तो वह च‍िल्लाते हुए बोला, "क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती?" चुंबन हो या सेक्स, उसकी मांगें और उन्हें पूरा करने के ल‍िए उसकी ब्लैकमेल‍िंग बढ़ती रहीं। दुर्भाग्य से कई बार मैंने उनकी मांगों को मान लिया। र‍िश्ते को खत्म करने का किया फैसलाउसने सात महीने तक मेरा जज्बाती और ज‍िस्मानी फायदा उठाया। इसके बाद मैंने इस र‍िश्ते को खत्म करने का फैसला किया। मैं ऐसे रिश्ते में रहने की हकदार थी, जो मेरी ज‍िंदगी में खुशियां लाए, न कि हर दूसरे दिन ज‍िस्मानी मांगों का बंधन। मैंने अब तक लेखों में 'यौन शोषण' शब्द केवल पढ़ा था, लेकिन अब मुझे पता था कि मैं खुद इसका श‍िकार हूं। बिना कुछ और सोचे मैंने उसे फोन किया और उसके साथ अपने सारे र‍िश्ते तोड़ दिए। सदमे से उबरने में महीनों लग गएमुझे इस र‍िश्ते और इससे म‍िले सदमे से उबरने में महीनों लग गए। मुझे उससे प्यार तो था। जब उसने मुझे प्रपोज क‍िया तो मुझे इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि आगे जाकर ऐसा कुछ होगा। लेकिन अब मुझे पता था कि मैंने सही फैसला लिया है और इससे मुझे आगे बढ़ने की ताकत मिल रही है। आज मैं अपनी मर्जी से सिंगल हूं। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं उन चीजों को 'ना' कहने के लिए काफी मजबूत रही, जो सही नहीं थीं। मैं एक खुशनुमा माहौल में हूं और किसी ऐसे की तलाश में हूं जो मेरी खुशी की परवाह करें। क्या ज‍िंदगी में यह सब चाहना कुछ ज्यादा है? - अनामिका दुआ, 24 वर्ष

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